सीएम धाामी के संकल्प के ही ‘आड़े आने लगे’ भाजपा नेता

खबर शेयर करें -

रुद्रपुर में उपहास का विषय बना भाजपा नेताओं का वाक युद्ध

रुद्रपुर। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नशा मुक्त उत्तराखंड का संकल्प ले रखा है। सीएम धामी के संकल्प को पूरा करने के लिए समूचे उत्तराखंड सहित रुद्रपुर का भी स्थानीय प्रशासन एवं पुलिस हर मुमकिन कोशिश कर रही है और नशा मुक्त उत्तराखंड के संकल्प को अंजाम तक पहुंचाने के लिए नशे की व्यापारियों एवं डिलीवरी एजेंट को चिन्हित कर, उनके विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जा रही है। ऐसे में भाजपा नेताओं को चाहिए था कि वह मुख्यमंत्री धामी के नशा मुक्त उत्तराखंड के संकल्प को अंजाम तक पहुंचाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाते और समाज से नशे का जहर कम करने के लिए शासन प्रशासन का सहयोग करने के साथ-साथ स्वयं भी संगठित होकर नशे पर प्रहार करते ,लेकिन रुद्रपुर में तो उलटी गंगा बहती नजर आ रही है। यहां के कतिपय भाजपा नेता नशे के विरुद्ध ना तो स्वयं ही कोई उल्लेखनीय कार्य कर रहे हैं और ना ही किसी दूसरे को करने दे रहे हैं । इस दिशा में कार्य करने के लिए अगर कोई समाजसेवी आगे आता भी है ,तो वे झुंड बनाकर उसके विरुद्ध वाक् युद्ध छेड़ने के साथ-साथ उसे नशे का सौदागर अथवा नशे के सौदागरों का संरक्षक बताने पर आमादा हो रहे हैं। मजे की बात तो यह है कि इस कार्य में वे भारतीय जनता पार्टी के दलगत अनुशासन की भी जमकर धज्जियां उड़ा रहे हैं। वह इसलिए क्योंकि, भारतीय जनता पार्टी में नेता -कार्यकर्ता एक दूसरे के विरुद्ध सार्वजनिक मंच पर आरोप प्रत्यारोप सामान्यतः नहीं करते। उनके एक दूसरे के प्रति जो भी गिले शिकवे रहते हैं उसे पार्टी फोरम में ही निपटा लिया जाता है ।मगर रुद्रपुर के कुछ भाजपा नेताओं ने तो विगत दिनों, स्वयं को नशे के विरुद्ध छेड़ी गई तथा कथित लड़ाई का महायोद्धा बताने के फेर में,न केवल समाजसेवी एवं भाजपा नेता सुशील गाबा को ही आरोपित कर दिया, बल्कि भारतीय जनता पार्टी के अनुशासन की मर्यादा को भी तार- तार कर दिया। भारतीय जनता पार्टी के स्थानीय नेताओं के बीच छिड़ी आरोप प्रत्यारोप की इस जंग की शुरुआत कुछ इस प्रकार हुई, कि समाज सेवी सुशील गाबा जो की भारतीय जनता पार्टी के एक समर्पित कार्यकर्ता भी हैं ,ने विगत दिनों सोशल मीडिया पर रील शेयर करके कहा था, कि नशा एक ऐसी महामारी बन गया है जिसे आज खत्म ना किया गया ,तो यह है कभी नहीं खत्म होगा ।नशे के कारण लोग मर रहे हैं ।अपराध बढ़ रहे हैं और ट्रांजिट कैंप तथा मलिन बस्तियों के छुटभईया नेता नशे के दलालों के बाप बन गए हैं। अगर यह नशे के दलालों की पैरवी करने के लिए आगे आए, तो इन्हें चौकी एवं मोहल्ले से भगा देना चाहिए । गाबा की बात पर भाजपा नेता धर्म सिंह कोली, राधेश शर्मा ,चंद्रसेन कोली एवं नेत्रपाल मौर्य इस कदर तिलमिला गए, जैसे सुशील गाबा ने उन्हें ही नशे की दलालों का बाप कह दिया हो और आरोपित छुटभइया नेता वे चारों ही हों। हालांकि भाजपा नेता गाबा ने अपने वक्तव्य में किसी का नाम नहीं लिया था और किसी भी नेता की ओर कोई पुख्ता इशारा नहीं किया था ,फिर भी उपरोक्त चारों भाजपा नेताओं ने आनन-फानन एक प्रेस कॉन्फ्ेंस बुलाकर भाजपा नेता सुशील गाबा को जमकर भला बुरा कहा और उनके विरुद्ध पुलिस में शिकायत करने तथा प्रदर्शन करने तक की धमकी दे डाली। ऐसे में इस समूचे घटनाक्रम से निकाला एक अहम प्रश्न यह है, कि जब भाजपा नेता सुशील गाबा ने किसी का नाम लेकर किसी व्यक्ति विशेष को छुटभइया नेता कहा ही नहीं ,तो प्रेस कॉन्फ्ेंस में उपस्थित महानुभावों ने गाबा की बात को अपने ऊपर क्यों ले लिया ? इसके अलावा एक जायज प्रश्न यह भी बनता है कि अगर भारतीय जनता पार्टी का अन्य कोई कार्यकर्ता मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नशा मुक्त उत्तराखंड के संकल्प को धरातल में उतरने की गरज से कोई रचनात्मक पहल करता है अथवा कोई रचनात्मक वक्तव्य जारी करता है, तो इस पर भारतीय जनता पार्टी के बाकी नेताओं एवं कार्यकर्ताओं को आपत्ति क्यों हो रही है। भई, किसी को मुख्यमंत्री के संकल्प को पूरा करने में कोई योगदान नहीं देना है, तो वह ना दे। पर वह किसी तीसरे व्यक्ति को नशे की महामारी खत्म करने की दिशा में कार्य करने के से रोकने का अधिकारी तो कतई नहीं है। बहरहाल भाजपा नेताओं के बीच जारी यह वाक युद्ध आगे चलकर कैसी सूरत इख्तियार करेगा? यह तो आने वाला समय ही बताएगा, लेकिन मजे की बात तो यह है कि रुद्रपुर के चौक चौबारों में लोग आपस में मजे लेते हुए आजकल एक दूसरे से अनायास ही पूछ करते हैं कि यार इस वाक युद्ध के अनुसार शहर में छुटभइया नेता कौन हुआ और नशे के सौदागरों का संरक्षक कौन हुआ।

See also  राशन डीलरों ने ई पॉश मशीन का किया विरोध

More News:

हेल्पलाइन में दर्ज शिकायतों का सीएम ने लिया फ़ीडबैक
नशे के कैप्सूलों की खेप के साथ एक दबोचा
राशन डीलरों ने ई पॉश मशीन का किया विरोध
वरिष्ठ अधिवक्ता डी के शर्मा बने बार कौंसिल ऑफ इंडिया के सह अध्यक्ष
लड़की को तमंचे की नोक पर ले जाने की झूठी सूचना देना महंगा
नशे में धुत पर्यटक ने होटल में काटा हंगामा
पिस्टल और कारतूस के साथ बदमाश गिरफ्तार
स्टेडियम का नाम बदलने पर सरकार का पुतला फूंका
एलआईयू इंसपेक्टर का हुआ तबादला
मैक्स वाहन खाई में गिरने से दंपत्ति गंभीर
घायल युवक के लिए देवदूत बनी सीपीयू
विवाहिता की मौत के मामले में ससुरालियों पर दहेज हत्या का केस दर्ज
सड़क किनारे अधेड़ का शव मिलने से सनसनी
दो बाईकों की भिड़ंत में युवक की मौत, दो घायल
तीस लाख की मशीनरी को चोरी से बेच दिया
जिलाधिकारी ने तहसील दिवस में सुनी समस्याएं
कार में 47 किलो गांजा ले जाते दो गिरफ्तार
नशे के इंजेक्शनों सहित दो तस्कर दबोचे
कलेक्ट्रेट में गरजी भोजन माताएं
दुष्कर्म पीड़िता से घर में घुसकर मारपीट,केस वापस लेने की धमकी