रूद्रपुर (उद संवाददाता)। पूर्व विधायक राजकुमार ठुकराल ने टीडीसी की टेंडर प्रक्रिया में करोड़ों के घोटाले का आरोप लगाते हुए इसकी निष्पक्ष जांच की मांग की है। उन्होंने आरोप लगाया कि टीडीसी को खत्म करने की साजिश रची जा रही है। सिटी क्लब में आयोजित पत्रकार वार्ता में पूर्व विधायक राजकुमार ठुकराल ने कहा कि हल्दी स्थित विश्व विख्यात तराई बीज विकास निगम के अस्तित्व पर संकट मंडरा रहा है। उन्होंने कहा कि यह संस्थान पंतनगर एयरपोर्ट के विस्तारीकरण की जद में आ रहा है, इसे अन्यत्र शिफ्ट किया जाना है लेकिन इसकी आड़ में कुछ राजनैतिक और प्रशासनिक लोग सरकारी खजाने को करोड़ों का नुकसान पहुंचा रहे हैं। ठुकराल ने कहा कि विस्तारीकरण की जद में आ रही टीडीसी की बिल्डिंगों को तोड़ने का ठेका गुपचुप तरीके से हो गया। किसी भी समाचार पत्र में इसकी कोई निविदा नहीं निकाली गयी। जिसके चलते इस निविदा प्रक्रिया में कोई भी स्थानीय ठेकेदार भाग नहीं ले पाया। मात्र तीन ठेकेदारों ने इस निविदा में भाग लिया। जिसमें से एक दिल्ली का दूसरा और उत्तर प्रदेश और तीसरा स्थानीय है। ये तीनों भी आपस में मिले हुए थे। षडयंत्र के तहत यह पूरा काम एक ही व्यक्ति को दे दिया गया। ठुकराल ने चार लाटों में जो काम दिया गया है उसकी सरकारी वैल्यू लगभग 12 करोड़ से अधिक निकाली गयी थी लेकिन सांठ गांठ के चलते इस काम को मात्र 6 करोड़ 49 लाख 73 हजार रूपये में दे दिया गया। मात्र एक फर्म को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य
से राजनैतिक दबाव में यह घोटाला किया गया। इसमें कोई पारदर्शिता नहीं अपनाई गयी। ठुकराल ने कहा कि इस घोटाले से सरकारी खजाने को करोड़ों की चोट पहुंचायी गयी है, यह खेल पूरे षडयंत्र के तहत चल रहा है। पूरी साजिश के तहत टीडीसी को खत्म करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि हल्दी स्थित टीडीसी की बिल्डिंग को तोड़ना मजबूरी इसलिए है क्योंकि वहां पर हवाई अड्डे का विस्तार होना है, लेकिन मटकोटा स्थित टीडीसी के बीज विधायन संयत्र को भी तोड़ा जा रहा है, जबकि यहां पर कुछ वर्ष ही पूर्व करोड़ों की नई मशीनें लगाई गई थीं। इसके अलावा बाजपुर में स्थित बीज विधायन संयत्र को उखाड़ दिया गया है। इसका सीधा संकेत है कि टीडीसी को समाप्त किया जा रहा है। यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। ये किसानों के साथ अन्याय है। उन्होंने कहा कि टीडीसी को खड़ा करने में अरबों रूपये खर्च हुए हैं और कड़ी मेहनत से टीडीसी ने देश विदेश में मुकाम हासिल किया है। लेकिन निजी स्वार्थों के लिए इसे समाप्त किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सैटिंग गैटिंग के खेल में कुछ लोग प्रदेश की अर्थव्यवस्था को दीमक की तरह चाट रहे हैं, इसका उदाहरण टीडीसी है। ठुकराल ने कहा कि टीडीसी में घोटाला करने वालों का शीघ्र ही पूरा पर्दाफाश करेंगे। उन्होंने कहा कि किसानों के हित में टीडीसी को बचाने के लिए टीडीसी के एमडी और जीएम से मुलाकात करेंगे और उसके बाद मुख्यमंत्री को पूरे मामले की जानकारी देंगे। उन्होंने न्यायालय से भी इस प्रकरण का स्वतः संज्ञान लेने का आग्रह किया।
बिना तथ्यों के जल्दबाजी में ठुकराल की पत्रकार वार्ता
रूद्रपुर । पूर्व विधायक राजकुमार ठुकराल द्वारा टीडीसी की टेंडर प्रक्रिया में करोड़ों के घोटाले का आरोप लगाते हुए की गई पत्रकार वार्ता तथ्यहीन नजर आ रही है। ऐसा प्रतीत हो रहा है कि बिना ठोस तथ्यों के उनके द्वारा जल्दबाजी में उक्त पत्रकार वार्ता बुलाकर टेंडर प्रक्रिया पर प्रश्नचिन्ह लगाया गया है। दर्पण की पड़ताल में सामने आया कि उक्त टेंडर प्रक्रिया में विभाग द्वारा बकायदा पूरी प्रक्रिया अमल में लाई गई है। टीडीसी की बिल्डिंगों और अन्य सामानों के लिये विभाग द्वारा औपचारिकतायें पूर्ण करते हुये यूके टेण्डर और विभाग की ऑफिशियल वेबसाईट पर निविदा आमंत्रित की गई थी। निविदा 4 अक्टूबर से खोली गई और टेंडर जमा करने की अंतिम तिथि के रूप में 18 अक्टूबर 2024 निर्धारित की गई थी। उक्त निविदा को 21 अक्टूबर 2024 को खोला गया। दर्पण की पड़ताल में सामने आया कि उक्त निविदा के लिये समाचार पत्रें में भी विज्ञापन प्रकाशित कराया गया था। पूर्व विधायक राजकुमार ठुकराल के आरोपों पर गौर करे तो उनके द्वारा एक ही फर्म के नाम उक्त चार टेंण्डरों को होना बताया गया है जबकि उक्त चारों टेडर अलग-अलग फर्माे के नाम छूटे गये है। पत्रकार वार्ता के दौरान पूर्व विधायक द्वारा जिन तथ्यों का हवाला दिया जा रहा था उसमें अधिकांश तथ्य दर्पण की पड़ताल में निराधार नजर आये। बहरहाल इस सम्बंध में उनके द्वारा शीघ्र ही एक ओर पत्रकार वार्ता की बात कही गई है,अगली पत्रकार वार्ता में उनके द्वारा क्या तथ्य उजागर किये जाते है यह तो आने वाले समय में ही पता चल पायेगा।