उत्तराखंड की सियासी जंग में बाजीगर साबित हुए पुष्कर सिंह धामी,दोबारा होगी ताजपोशीः मां और पत्नी ने उतारी आरती
विधाायक दल की बैठक में लिया गया फैसला,केंद्रीय पर्यवेक्षक राजनाथ सिंह ने किया ऐलान, जश्न में डूबे भाजपा कार्यकर्ता
देहरादून(उत्तरांचल दर्पण ब्यूरो) । आखिरकार मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सिर पर एक बार फिर से सीएम का ताज सज गया है। हार कर भी हाईकमान ने उन्हें सीएम का ताज पहनाया है लेकिन सीएम धामी अब उत्तराखंड की सियासी जंग में बाजीगर साबित हो गये है। क्योंकि वो हार कर भी जीत गये हैं और हारकर जीतने वाले को ही बाजीगर कहते है। अब शपथ ग्रहण की तैयारी है। पुष्कर सिंह धामी को उनके छह महीने के कार्यकाल पर भरोसा करते हुए उनको फिर से विधायक दल का नेता चुना गया है। धामी 23 मार्च को मुख्यमंत्री पद की दूसरी बार शपथ लेंगे। राजभवन में सरकार बनाने का दावा पेश करने के बाद मुख्यमंत्री आवास पहुंचे पुष्कर सिंह धामी का परिजनों ने भव्य स्वागत किया। मां और पत्नी ने फूल बरसाए, आरती उतारी और फिर खीर खिलाकर मुंह मीठा कराया। सोमवार को शाम विधायकदल का नेता चुने के बाद राजभवन के सरकार बनाने का दावा पेश किया। उसके बाद पुष्कर सिंह धामी अपने मुख्यमंत्री आवास पहुंचे। यहां उनकी मां और पत्नी पहले से ही उनका बेसब्री से इंतजार कर रही थी। जैसे ही वह भीतर पहुंचे तो मां और पत्नी व अन्य रिश्तेदारों ने फूल बरसाकर उनका स्वागत किया। मां ने पुष्प बरसाने के बाद बेटे धामी को प्यार किया तिलक लगाया और आरती उतारने के बाद उन्हें अपने हाथों से बनाई हुई खीर खिलाई। इस दौरान बाहर से लगातार पुष्कर सिंह धामी जिंदाबाद के नारों की आवाज आती रही। प्रदेश के 12वें मुख्यमंत्री की शपथ लेने जा रहे पुष्कर सिंह धामी ने मां का आशीर्वाद लिया। मुख्यमंत्री आवास देर रात तक जश्न में डूबा रहा। बड़ी तादाद में कार्यकर्ता मुख्यमंत्री आवास पर पहुंचे और उन्होंने खूब पटाखे फोड़े और हवा में रंग उड़ाए और खुशियों की होली मनाईं। पुष्कर सिंह धामी ने दोबारा मुख्यमंत्री बनकर दो मिथक तोड़े हैं। यह पहली बार होगा जब कोई मौजूदा मुख्यमंत्री लगातार दूसरी बार इस पद को संभालेगा। इसके अलावा अब तब यह मिथक भी था कि सिटिंग सीएम चुनाव हार जाता है। हालांकि, इसे तोड़ने में धामी नाकाम रहे। इससे पूर्व एनडी तिवारी ने सीएम रहते चुनाव नहीं लड़ा था। इसके बाद भाजपा से सीएम बने भुवन चन्द्र खंडूड़ी मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए चुनाव हार गए थे। इसके बाद कांग्रेस सरकार में सीएम रहे हरीश रावत दो सीटों पर चुनाव हारे और इस चुनाव में धामी को अपने विधानसभा क्षेत्र खटीमा से हार का सामना करना पड़ा था। लेकिन हार के बाद भी उन्हें सीएम का ताज पहनाया।अब सवाल ये है कि वो किस सीट से उपचुनाव लड़ेंगे। बता दें कि कई विधायक हैंजो धामी के लिए सीट छोड़ने को तैयार हैं और कोई विधायक सीट छोड़ता है तो उन्हे पार्टी में बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है। उत्तराखंड के 12वें मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ही होंगे। सोमवार शाम प्रदेश भाजपा मुख्यालय में केंद्रीय पर्यवेक्षक रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह व सह पर्यवेक्षक विदेश राज्यमंत्री मीनाक्षी लेखी की उपस्थिति में हुई भाजपा विधायक दल की बैठक में धामी को फिर से नेता चुना गया। महत्वपूर्ण यह कि धामी के नेतृत्व में विधानसभा चुनाव में दो-तिहाई बहुमत प्राप्त कर भाजपा लगातार दूसरी बार सत्ता तक पहुंची, लेकिन वह स्वयं खटीमा सीट से चुनाव हार गए। इसके बावजूद भाजपा शीर्ष नेतृत्व ने धामी पर ही भरोसा किया। 21 वर्ष की आयु के उत्तराखंड में यह पहली बार हुआ, जब किसी मुख्यमंत्री को लगातार दूसरा अवसर दिया गया। इसके साथ ही पिछले 10 दिनों से मुख्यमंत्री के नाम को लेकर बना असमंजस भी दूर हो गया। विधायक दल के नेता का चयन होने के बाद भाजपा की ओर से राज्यपाल को इस बारे में अवगत कराया गया। साथ ही धामी के नेतृत्व में नई सरकार के मंत्रिमंडल के गठन अनुरोध पत्र सौंपा गया। धामी बुधवार 23 मार्च को परेड मैदान में होने वाले समारोह में शपथ ग्रहण कर सकते हैं। भारतीय जनता पार्टी ;भाजपाद्ध के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने शाम छह बजे राजभवन में विधानमंडल दल के नव निर्वाचित नेता पुष्कर सिंह धामी के साथ राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ;सेनिद्ध से भेंट की। इस दौरान राज्यपाल को अवगत कराया कि पुष्कर सिंह धामी को विधानमंडल दल का नया नेता चुना गया है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में नई सरकार मंत्रिमंडल के गठन का अनुरोध पत्र राज्यपाल को सौंपा। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी, अजय भट्ट, सांसद डा रमेश पोखरियाल निशंक, प्रोटेम स्पीकर बंशीधर भगत, नव निर्वाचित विधायक सतपाल महाराज, प्रेमचंद अग्रवाल, रेखा आर्य, अरविंद पांडे सहित अन्य नवनिर्वाचित विधायकगण उपस्थित रहे। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के अनुरोध पत्र को स्वीकारते हुए राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ;सेनिद्ध ने मनोनीत मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को मुख्यमंत्री के रूप में पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाने का निर्णय लिया है। सोमवार को विधायक दल की बैठक में पुष्घ्कर सिंह धामी को विधायक दल का नेता चुन लिया गया। अब 23 मार्च का पुष्घ्कर सिंह धामी उत्तराखंड के 12वें मुख्घ्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे। शपथ ग्रहण समारोह देहरादून के परेड ग्राउंड में आयोजित होगा। शाम पांच बजे भाजपा प्रदेश मुख्यालय में केंद्रीय पर्यवेक्षकों की उपस्थिति में विधायक दल की बैठक शुरू हुई। इस मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने राज्य में भाजपा को दो-तिहाई बहुमत मिलने पर राज्यवासियों के प्रति आभार जताया। उन्होंने कहा कि जनता ने मिथक को तोड़ा है और विकास पर मुहर लगाई है। इसके बाद उन्होंने मुख्यमंत्री के नाम के चयन के लिए प्रस्ताव मांगा। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक, पूर्व कैबिनेट मंत्री बंशीधर भगत, सतपाल महाराज, सुबोध उनियाल व रेखा आर्य ने पुष्कर धामी के नाम का प्रस्ताव रखा। पूर्व मंत्री बिशन सिंह चुफाल, डा धन सिंह रावत व अरविंद पांडेय, विधायक )तु खंडूड़ी भूषण, खजानदास आदि ने इसका समर्थन किया। फिर अन्य विधायकों ने भी इस पर हामी भरी। इसके बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पुष्कर सिंह धामी को विधायक दल का नेता चुने जाने की घोषणा की। बैठक में केंद्रीय सह पर्यवेक्षक विदेश राज्यमंत्री मीनाक्षी लेखी, भाजपा के प्रदेश प्रभारी दुष्यंत कुमार गौतम, सह प्रभारी रेखा वर्मा, प्रदेश महामंत्री संगठन अजेय कुमार, पूर्व मुख्यमंत्री डा रमेश पोखरियाल निशंक, राज्यसभा सदस्य एवं भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख अनिल बलूनी, केंद्रीय राज्यमंत्री अजय भट्ट, पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत व त्रिवेंद्र सिंह रावत, सांसद माला राज्यलक्ष्मी शाह व अजय टम्टा, राज्यसभा सदस्य नरेश बंसल आदि उपस्थित थे। इससे पहले विधायक दल की बैठक को देखते हुए विधायक और पार्टी नेता दोपहर बाद से ही प्रदेश मुख्यालय में जुटना शुरू हो गए थे। इस दौरान नए मुख्यमंत्री को लेकर समर्थक अपने नेताओं के नाम के अनुमान लगा रहे थे। मुख्यमंत्री के लिए पुष्कर सिंह धामी के नाम की घोषणा होने के बाद प्रदेश मुख्यालय उनके समर्थन में नारों से गूंज उठा। इस दौरान आतिशबाजी भी हुई। इसके बाद धामी प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक समेत अन्य नेताओं के साथ राजभवन रवाना हो गए। कौशिक ने राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ;सेनिद्ध से भेंट कर उन्हें धामी को भाजपा विधायक दल का नेता चुने जाने की जानकारी दी। साथ ही धामी के नेतृत्व में नई सरकार मंत्रिमंडल के गठन का अनुरोध पत्र सौंपा। राज्यपाल ने अनुरोध पत्र स्वीकारते हुए धामी को मुख्यमंत्री के रूप में पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाने का निर्णय लिया है। राजनाथ सिंह ;रक्षा मंत्री एवं केंद्रीय पर्यवेक्षकद्ध ने कहा कि पुष्कर सिंह धामी को शुभकामनाएं। मुझे पूरा विश्वास है कि उनके नेतृत्व में उत्तराखंड न सिर्फ तेजी के साथ विकास करेगा, बल्कि राज्य का बहुआयामी विकास होगा। छह माह तक सरकार चलाकर धामी ने अपनी छाप छोड़ी है, उसका परिणाम इस चुनाव में स्पष्ट रूप से देखने को मिला है। पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नîóा समेत केंद्रीय एवं प्रांतीय नेतृत्व के प्रति बहुत-बहुत आभार। प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में उत्तराखंड को देश के अग्रणी राज्यों की श्रेणी में लाने के लिए हम पुरजोर प्रयास करेंगे। सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास के मूलमंत्र पर चलते हम राज्य को प्रगति के पथ पर तेजी से अग्रसर कर जनअपेक्षाओं पर खरा उतरने का प्रयास करेंगे। गौरतलब है कि पुष्कर सिंह धामी तीसरी व चैथी विधानसभा में ऊधमसिंह नगर जिले की खटीमा सीट से विधायक रहे, लेकिन इस बार यहीं से कांग्रेस के भुवन कापड़ी के हाथों वह सीट गंवा बैठे। भाजपा ने पहले ही घोषणा कर दी थी कि सत्ता में आने की स्थिति में धामी को ही मुख्यमंत्री बनाया जाएगा। पार्टी उनके नेतृत्व में ही विधानसभा चुनाव में गई। चुनाव आचार संहिता लागू होने से पहले धामी को मुख्यमंत्री के रूप में छह महीने का कार्यकाल मिला। यह उनकी बड़ी उपलब्धि रही कि पांच साल की एंटी इनकंबेंसी के प्रभाव को न्यून कर वह भाजपा को लगातार दूसरी बार सत्ता में लाने में सफल रहे। यह पहली बार हुआ कि जब उत्तराखंड में किसी दल को लगातार दूसरी बार सरकार बनाने का अवसर मिला। धामी उत्तराखंड में अब तक के सबसे कम उम्र के मुख्यमंत्री हैं। धामी पिछले वर्ष चार जुलाई को तीरथ सिंह रावत के स्थान पर उत्तराखंड के 11वें मुख्यमंत्री बने थे। वहीं विवसभा में पांचवीं निर्वाचित विधानसभा के सदस्यों को शपथ दिलाई गई। सुबह 11 बजे प्रोटेम स्पीकर बंशीधर भगत ने विधानसभा के नव निर्वाचित सदस्यों को शपथ दिलाई। इस दौरान सबसे पहले विधायक अनुपमा रावत को शपथ दिलाई। वहीं, कोटद्वार से विधायक रितु खंडूड़ी ने संस्कृत में शपथ ली, जबकि किशोर उपाध्याय ने गढ़वाली में शपथ ली।